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टीएसएससी के बारे में
दूरसंचार क्षेत्र कुशलता परिषद संस्था पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अन्तर्गत पंजीकृत एक अलाभकारी संगठन है। हम उद्योग की अगुवाई में एक शीर्षस्थ निकाय हैं, जिसकी स्थपना दूरसंचार के क्षेत्र में विकास एवं उत्पादकता में तेजी लाने के प्रयोजन से कुशल जनशक्ति की पर्याप्त उपलब्धता का सुनिश्चय करने के लिए सेल्यूलर आपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया (सीओएआई), इण्डियन सेल्यूलर एसोसिएशन (आईसीए) तथा टेलीकॉम सेंटर ऑफ एक्सिलेंस द्वारा संयुक्त रूप में की गई है। राष्ट्रीय कुशलता विकास निगम के तत्वावधान में स्थापित, टीएसएससी के सदस्यों में विभिन्न दूरसंचार उद्योगों, शैक्षिक संस्थानों, उद्योग संघों (जैसे कि सीओएआई, आईसीए, एयूएसपीआई तथा टीएआईपीए) तथा सरकार (इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग) के प्रतिनिधि शामिल हैं।
भारतीय दूरसंचार क्षेत्र एक सबसे बड़ी आर्थिक सफलता के क्षेत्र के रूप में उभरा है, जिसने उपभोक्ताओं की दृष्टि से पिछले दशक में 35% से ज्यादा समग्र विकास की दर बनाए रखा। भारत विश्व में दूसरा सबसे बड़ा तथा सबसे तेजी से विकसित होने वाला दूरसंचार बाजार है जिसके उपभोक्ताओँ की संख्या 31 अगस्त 2012 की स्थिति के अनुसार 939 मिलियन तथा समग्र दूरसंचार घनत्व 77% है (टीआरएआई)। इसके अलावा, मोबाइल हैण्डसेट की बिक्री इस वर्ष 200 मिलियन इकाइयों से अधिक होने की संभावना है और भारत तेजी से दूरसंचार मूलसंरचना उपस्करों के विनिर्माण का केन्द्र बनता जा रहा है।
एम-शासन, एम-वाणिज्य, एम-शिक्षण, एम-स्वास्थ्य, ऑनलाइन खरीदारी, एम-गेमिंग, एम2एम संचार तथा तथा ऐसे ही अनेक नए अन्वेषणों के कारण, दूरसंचार आगामी वर्षों में भारत की साधारण जनता के जीवन के हर क्षेत्र में तेजी से व्याप्त हो जाएगा। 3जी नेटवर्कों तथा स्मार्टफोनों के कारण भारतीय दूरसंचार की सफलता की कहानी जारी रहेगी और साथ ही कम प्रसार वाले ग्रामीण बाजारों पर भी ध्यान दिया जाएगा।
इस गतिशील क्षेत्र में लगभग 2.8 मिलियन लोग प्रत्यक्ष रूप में और 7 मिलियन लोग अप्रत्यक्ष रूप में नियोजित हैं, जिसके कारण यह देश का एक सबसे बड़ा रोजगार सृजन क्षेत्र बन गया है। विकास की वर्तमान दर पर, इसमें अगले दस वर्षों में लगभग इतनी ही संख्या में रोजगार के अवसर तैयार होने की क्षमता है। इसके कारण एक ऐसे संगठन की आवश्यकता सामने आई जो सार्वजनिक निजी भागीदारी में कुशलता विकास को आगे ले जाएगा और दूरसंचार क्षेत्र की मूल्य श्रृंखला में मानव संसाधनों की आवश्यकता का अनुमान लगाने के लिए जिम्मेदार होगा। इसके परिणाम स्वरूप, टीएसएससी दूरसंचार उद्योग की बढ़ती माँग को पूरा करने के लिए समुचित आकार एवं गुणवत्ता के मानव संसाधनों का एक पूल तैयार करने का प्रयास करेगा।
विजन
दूरसंचार क्षेत्र कुशलता परिषद दूरसंचार उद्योग के लिए विश्वस्तरीय कुशल जनशक्ति तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मिशन
दूरसंचार क्षेत्र कुशलता परिषद, एनएसडीसी के तत्वावधान में उद्योग की अगुवाई में चालित एक अलाभकारी निकाय, निम्नलिखित उपलब्धियाँ हासिल करने का प्रयाल करेगा:
- प्रयासों को प्राथमिकता देते हुए एक एकीकृत दृष्टिकोण कार्यान्वित करने के जरिए एक व्यवहार्य आर्थिक प्रणाली का सृजन करना जिसका दूरसंचार के क्षेत्र में कुशलता विकास तथा कार्मिकों की गुणवत्ता के आश्वासन के लिए विश्वस्तरीय उत्कृष्टता के ढाँचे पर आधारित सक्षमता का विकास करने पर उत्प्रेरक प्रभाव पड़ सकता है।
- तीन प्राथमिक पणधारियों अर्थात मानव संसाधन, उद्योग तथा शैक्षिक संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ाकर कुशलताओं की माँग और आपूर्ति के बीच के वर्तमान अन्तराल को कम करना।
- 150 ट्रेडों में 45 लाख कार्मिकों की कुशलता के स्तर में वृद्धि करना तथा प्रमाणित करना, 24,000 प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करना, 500 प्रशिक्षण संगठनों को प्रत्यायित करना तथा लगभग 200 उद्योगों के साथ सहमति-पत्रों पर हस्ताक्षर करके आगामी 10 वर्षों की अवधि में इस धीरे-धीरे पूरे देश में फैलाना।
- प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करना।
- उद्योग की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए व्यावसायिक/तकनीकी कार्यक्रमों के सभी स्तरों पर मानकों, पाठचर्या तथा गुणवत्ता आश्वासन के लिए आवश्यक ढाँचे का विकास करना।
- क्षेत्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय व्यावसायिक दूरसंचार क्षेत्र विकास प्रयासों में हिस्सा लेना।
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